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शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

बकस्वाहा में शराब माफियाओं का आतंक: नशा विरोधी कार्यकर्ता पर तलवार-डंडों से हमला, जान से मारने की दी धमकी।

//रत्नेश रागी, रूपेश जैन, अनिल बड़कुल//

बकस्वाहा (छतरपुर)। शराब माफियाओं के आतंक ने बकस्वाहा में भय का माहौल खड़ा कर दिया है। मंगलवार रात नशा मुक्ति अभियान चला रहे भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य सुरेंद्र सिंह लोधी व उनके साथियों पर हथियारबंद बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया। आरोपियों ने धमकी दी कि यदि दोबारा नजर आए तो जान से हाथ धो बैठेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार संगठन के कार्यकर्ता दुर्गा चालीसा पाठ से लौट रहे थे, तभी बाजना तिराहे के पास उनकी बोलेरो (MP34 CA 0968) को कुछ बदमाशों ने घेर लिया। तलवार, रॉड, डंडे और कट्टों से लैस हमलावरों ने गाड़ी के शीशे तोड़ते हुए सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह और रतन लोधी पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद दमोह जिला अस्पताल रेफर किया गया।

पीड़ितों ने बताया कि हमलावरों में सुजान ठाकुर उर्फ जंगल राजा, रविंद्र राय और कृष्णपाल सिंह शामिल थे, जबकि अन्य की पहचान की जा रही है। हमलावर जाते-जाते चेतावनी दे गए कि यदि नशा विरोधी अभियान बंद नहीं हुआ तो अगली बार जान से मार देंगे।

संगठन का अल्टीमेटम, कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन
घटना के विरोध में बुधवार को भगवती मानव कल्याण संगठन ने बकस्वाहा तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और आरोपी शराब ठेकेदार सुनीता राय, परसू राय व रतन पटेल पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना-प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

एफआईआर दर्ज, गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
बकस्वाहा थाना पुलिस ने एफआईआर क्रमांक 0244/2025 के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धाराएं 126(2), 324(4), 296, 115(2), 351(2) और 3(5) के अंतर्गत संगठित अपराध, जानलेवा हमला व धमकी देने का प्रकरण दर्ज किया है।

चश्मदीदों की गवाही बनी पुलिस की उम्मीद
घटनास्थल पर मौजूद सूरती सेन, बिहारी लोधी, करन सिंह लोधी, लाल सिंह लोधी व वृंदावन लोधी ने हमलावरों को भागने पर मजबूर किया। उनकी गवाही से पुलिस को आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी में मदद मिलने की संभावना है।

अब सवाल ये है — क्या प्रशासन नींद से जागेगा?
बकस्वाहा जैसे छोटे कस्बे में इस तरह खुलेआम गुंडागर्दी और नशा विरोधियों पर हमले प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यह स्थिति कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।