//विनोद कुमार जैन, अनिल जैन बड़कुल//
बकस्वाहा(छतरपुर)। जनपद पंचायत परिसर स्थित आजीविका मिशन के सभागार में मंगलवार को आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर ग्रामीणों की भीड़ और उम्मीदों का केंद्र बना। कलेक्टर पार्थ जैसवाल के कार्यक्रम में न पहुंचने पर अपर कलेक्टर मिलेन्द्र नागदेवे ने शिविर की कमान संभाली और सुबह 10:30 बजे से दोपहर बाद तक लगातार ग्रामीणों की समस्याएं सुनते रहे।
शिविर में लगभग 140 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से अधिकांश का समाधान तुरंत मौके पर ही किया गया, जबकि शेष मामलों को संबंधित विभागों को शीघ्र कार्रवाई के निर्देशों के साथ सौंपा गया। ग्रामीणों ने देखा कि अधिकारी केवल शिकायतें दर्ज नहीं कर रहे थे, बल्कि उनका समाधान सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रहे थे।
लोगों की सुविधा के लिए विभागवार अलग-अलग स्टॉल लगाए गए, जिससे आवेदकों को सीधे अपने विभाग से संपर्क साधने का मौका मिला।
शिविर में वृद्ध और विकलांगों के लिए ट्राइसाइकिल की व्यवस्था भी की गई। इस दौरान दो विकलांगों को मौके पर ही साइकिल उपलब्ध कराई गई। सबसे भावुक क्षण तब आया जब अपर कलेक्टर मिलेन्द्र नागदेवे ने स्वयं विकलांगों को साइकिल पर बिठाकर रवाना किया। ग्रामीणों ने इस मानवीय पहल की खूब सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान ग्राम पंचायत गढ़ोई का एक विकलांग युवक लाठी टेकते हुए गिर पड़ा और वन विभाग से जुड़ी अपनी समस्या सुनाई। नागदेवे ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को मौके पर जांच और त्वरित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। यह दृश्य वहां मौजूद हर शख्स के दिल को छू गया।
अपर कलेक्टर मिलेन्द्र नागदेवे ने कहा—
"कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार अब ब्लॉक स्तर पर जनसुनवाई शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक परेशान होकर न जाना पड़े और उनकी समस्याओं का समाधान यहीं स्थानीय स्तर पर हो सके।"
शिविर में अपेक्षाकृत कम संख्या में ग्रामीण पहुंचे, जिस पर उन्होंने साफ कहा—
"शिविरों का लगातार आयोजन होगा, धीरे-धीरे लोगों का भरोसा बढ़ेगा और संख्या भी। शासन और प्रशासन की मंशा है कि आम आदमी को भटकना न पड़े और उसकी समस्या यहीं ब्लॉक स्तर पर ही सुलझ जाए।"
शिविर में उपस्थित रामनाथ, अशोक, आशावाई और आरती ने बताया कि इस बार भीड़भाड़ कम होने के कारण उन्हें सीधे अधिकारियों तक पहुंचने का मौका मिला।
"अपर कलेक्टर साहब ने हमारी समस्याओं को गंभीरता से सुना और तत्काल निराकरण भी किया। इससे भरोसा जगा है कि वास्तव में अधिकारी जनता की परेशानियों को हल करना चाहते हैं," ग्रामीणों ने कहा।
शिविर में एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ, सीईओ, बीईओ, वीआरसीसी, वीएमओ, एमपीईवी, महिला एवं बाल विकास, पुलिस, वन विभाग, विद्युत मंडल सहित सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे और अपने-अपने स्तर पर शिकायतों का समाधान करते रहे।
