पाकिस्तान बांग्लादेश म्यांमार और नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए बोधगया में भारत में लोकतंत्र, चुनाव, दलगत राजनीति विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर ममता चंद्रशेखर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुई। मगध विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग एवं आइक्यूएसी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुए इस सेमिनार में डॉक्टर ममता चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया के अन्य देशों में प्रचलित लोकतंत्र से अधिक स्थायी एवं परिपक्व है , क्योंकि यहाँ जनता को चुनाव प्रणाली में विश्वास है । नियमित एवं निष्पक्ष रूप से होने वाला चुनाव जनता के विश्वास को बनाए रखता है ।प्रथम लोकसभा चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या लगभग 17 करोड़ थी जो आज बढ़कर लगभग 96 करोड़ हो गई है जो कि विश्व विशालतम पंजीकृत मतदाता जनसंख्या है। साथ ही साथ यह भारत में लोकतंत्र में जनता के विश्वास को प्रदर्शित करती है ।
मनुष्य के स्वभाव में मत मतांतर होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसकी परिणति दल प्रणाली के रूप में देखी जा सकती है। भारतीय लोकतंत्र दल प्रणाली पर आधारित है ।भारतीय परंपरा में लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ राजा अपने अपनी प्रजा को पुत्रवत प्यार करता था ।
किसी भी समाज या राष्ट्र को व्यवस्थित बनाए रखने में प्रत्येक व्यक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।जब तक प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियों का निर्वहन शुचिता के साथ नहीं करते, एक राष्ट्र अपने निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सकता। भारत को विकसित भारत बनाने में प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता अनिवार्य है ।प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास ही भारत के लोकतंत्र को मज़बूत, स्थाई और सतत् बना सकता है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही सीएसडीएस नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रोफेसर संजय कुमार मुख्य रूप से उपस्थित हुए।